प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में उनके सामने जो कई बड़ी चुनौतियां हैं, उनमें से एक है अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के मोर्चे पर भारत का दबदबा और कायम करना. हालांकि अंतरराष्ट्रीय मामलों से निपटना इतना आसान नहीं होता है. कई बार किन्हीं दो देशों से आपके संबंध इस बात पर निर्भर करते हैं कि उनके आपस में संबंध कैसे हैं. उदाहरण के तौर पर अमेरिका और ईरान को ले सकते हैं. दोनों देशों के बीच ईरान के ऐटमी कार्यक्रम को लेकर तनाव चरम पर है और इसका असर सीधा भारत पर पड़ रहा है.अमेरिका ने ईरान पर कई पाबंदियां लगा दी हैं. इससे उसके राजस्व के प्रमुख स्रोत कच्चे तेल की बिक्री पर बड़ा असर पड़ा है. वहीं, भारत के लिए ईरान से तेल लेना मुश्किल हो गया है. इन दोनों ही देशों से भारत के रिश्ते अच्छे थे लेकिन उनकी आपसी कड़वाहट भारत के लिए मुश्किल बन गई है.