इसी साल मई में गोठरा गांव की लड़कियों की कहानी आपने सुनी. बड़ी हिम्मत करके उन्होंने अपने दसवीं तक के स्कूल में आंदोलन किया था, जिसके बाद 12वीं तक उस स्कूल को कर दिया गया था. लेकिन स्कूल बढ़ाने से कुछ नहीं होता अभी भी उनकी चुनौती खत्म नहीं हुई है, क्योंकि कई विषयों को पढ़ाने के लिए वहां शिक्षक ही नहीं हैं. अब मंजर यह है कि बच्चों को स्कूल छोड़कर घर का काम करना पड़ रहा है.