भारतीय राजनीति का 'आहतकाल' शुरू हो गया है। इस आहतकाल में कभी हिन्दू तो कभी मुस्लिम आहत हो जाते हैं। दावे किए जाने लगे हैं कि कौन सेकुलर है और कौन नकली सेकुलर है।
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