प्राइम टाइम: क्या नौकरियों को लेकर सरकार गंभीर दिखी?
प्रकाशित: अगस्त 27, 2018 09:00 PM IST | अवधि: 30:53
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हर दिन सोचता हूं कि अब नौकरी सीरीज़ बंद कर दें. क्योंकि देश भर में चयन आयोग किसी गिरोह की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने नौजवानों को इस कदर लूटा है कि आफ चाह कर भी सबकी कहानी नहीं दिखा सकते हैं. नौजवानों से फॉर्म भरने कई करोड़ लिए जाते हैं, मगर परीक्षा का पता ही नहीं चलता है. देश में कोई भी खबर होती है, ये नौजवान दिन रात अपनी नौकरी को लेकर ही मैसेज करते रहते हैं. मेरी नौकरी, मेरी परीक्षा का कब दिखाएंगे. परीक्षा देकर नौजवान एक साल से लेकर तीन साल तक इंतज़ार कर रहे हैं तो कई बार फॉर्म भरने के बाद चार तक परीक्षा का पता ही नहीं चलता है. यह सीरीज़ इसलिए बंद करना ज़रूरी है क्योंकि समस्या विकराल हो चुकी है. जब भी बंद करने की सोचता हूं किसी नौजवान की कहानी सुनकर कांप जाता हूं. तब लगता है कि आज एक और बार के लिए दिखा देते हैं और फिर सीरीज़ बंद नहीं कर पाता.