रवीश कुमार का प्राइम टाइम : 10 करोड़ बेरोज़गार, कुछ करो भी सरकार
प्रकाशित: मई 29, 2020 09:00 PM IST | अवधि: 42:47
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आप हम टीवी के जरिए, अखबारों के जरिए बात करें ना करें लेकिन उन 12 करोड़ लोगों के घर में हर पल यह बात जरूर होती होगी कि अप्रैल के महीने से नौकरी चली गई है. हम में से ना जाने कितने करोड़ों लोगों के घरों में ही बात होती होगी कि मार्च के महीने से सैलरी नहीं मिली है. नौकरी जाने की यह संख्या बहुत बड़ी है. अमेरिका में चार करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं. वहां का श्रम विभाग तो इस प्रकार का डेटा देता है, भारत में भी श्रम विभाग है लेकिन इस प्रकार का डेटा नहीं देता है. न ही भारत की जनता इस तरह का डेटा मांगती है कि कितने लोगों की नौकरियां चली गईं. सरकार अपनी तरफ से जरूरी भी नहीं समझती है. यूं समझ लीजिए कि भारत में अमेरिका से 3 गुना ज्यादा लोग बेरोजगार हुए हैं. अमेरिका में जो आदमी बेरोजगार हुआ है उसे पैसे भी मिले हैं लेकिन भारत में बेरोजगारों को कुछ नहीं मिला.