पूरे देश में सांप्रदायिकता पर बहस और वोटों के ध्रुवीकरण की आशंका के बीच करीब ढाई दशक पहले दंगों की चपेट में आ चुका भागलपुर नई मिसाल बनकर उभरा है।
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