NDTV Khabar

फिल्‍म रिव्‍यू :'शादी में जरूर आना' का कॉन्सेप्ट अच्छा, हो गई ड्रामेबाजी

 Share

राजकुमार राव पिछले कुछ समय से ऐसी फिल्में कर रहे हैं जिनमें या तो उन्हें अपनी दुल्हन को हासिल करने के लिए काफी जुगत लगानी पड़ती है या फिर उनके हाथ से दुल्हन निकल ही जाती है. जिसकी मिसाल 'बहन होगी तेरी' और 'बरेली की बर्फी' रही हैं. उनकी अधिकतर फिल्में उत्तर प्रदेश आधारित भी हो रही हैं. ऐसा ही कुछ 'शादी में जरूर आना' के बारे में भी है. फिल्म में काफी कुछ चीजें दोहराई गई लगती हैं और ऐसा एहसास देती हैं कि हमने इस कहानी को कहीं देखा है. हालांकि रत्ना सिन्हा ने अच्छा कॉन्सेप्ट उठाया है लेकिन फिल्म बहुत ही खींची और ऊबाऊ लगने लगती हैं.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com