मीडिया के दौर के लोकतंत्र में आप चाहें तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी का मज़ाक उड़ा सकते हैं... आप चाहें तो राजनीति में उतरने का स्वागत कर सकते हैं...।
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