भारतीय सेना में लेफ़्टिनेंट जनरल और अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के कुलपति रहे ज़मीरुद्दीन शाह की एक किताब आ रही है जिसका नाम है 'द सरकारी मुसलमान'...इस किताब में उन्होंने लिखा है कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद पहुंची सेना को दंगा प्रभावित इलाक़ों में जाने के लिए पूरे एक दिन का इंतज़ार करना पड़ा, अगर उन्हें ट्रांसपोर्ट की सुविधा तुरंत मिल जाती तो सेना कुछ जानें बचा पाती. शाह तब वहां भेजी गई सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे.