एक तरफ सांसदों का वेतन की मांग आने पर उनका वेतन तुरंत बढ़ा दिया गया जबकि दूसरी तरफ रिटायर्ड फौजी पेंशन बढ़ाने के लिए अपना मेडल तक देने को तैयार हैं मगर कैबिनेट की नजर इनपर नहीं जाती है।
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