जब खुद कुदरत कहर बरपाने पर उतर जाए, तो नजारा भयावह हो जाता है। एक ऐसी हकीकत जो इंसानियत को पलक झपकते खत्म कर सकती है और हो सकता है कि अपनी गलतियों पर अफसोस जताने का हमें वक्त भी न मिले।
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