NDTV Khabar

रवीश की रिपोर्ट : डिस्लेक्सिया जैसी समस्या के साथ मज़ाक?

 Share

एक संजीदा सवाल- एक ग़ैरसंजीदा हंसी, और एक लम्हे के बाद पूरे हॉल में कहकहों की बरसात. प्रधानमंत्री ने शायद इस एक वाक्य से अपना राजनीतिक लक्ष्य हासिल कर लिया, लेकिन वो एक बहुत मर्मभेदी बीमारी के बीच राहत के कुछ उपाय खोजते छात्रों की कोशिश से कुछ दूर रह गए. डिस्लेक्सिया अक्षरों और अंकों के साथ ठीक से तालमेल बिठा न पाने की समस्या है जिससे बच्चों के सीखने की क्षमता कुछ प्रभावित होती है- ये अब हम जानते हैं. कई साल पहले एक लोकप्रिय फिल्म तारे ज़मीं पर' ने इतना ज्ञान हमें दे दिया है. ये भी जानते हैं कि ये बच्चे कुछ पीछे भले लगते हों, लेकिन अपनी तरह से प्रतिभाशाली और रचनात्मक होते हैं. ये भी जानते हैं कि दुनिया में आइंस्टाइन और न्यूटन जैसे महान वैज्ञानिक भी डिस्लेक्सिया से पीड़ित रहे हैं. लेकिन अब भी यह ठीक से नहीं जानते कि जिन्हें डिस्लेक्सिया से गुज़रना पड़ता है, उनके कोमल मन पर क्या गुज़रती है. आईआईटी खड़गपुर के कार्यक्रम में जिस छात्रा ने प्रधानमंत्री को अपने प्रयोग के बारे में बताना चाहा, उसने सोचा होगा कि प्रधानमंत्री गंभीरता से उसकी बात सुनेंगे. लेकिन प्रधानमंत्री ने उसे चुटकुला बना दिया और फिर बाकी छात्र हंस पड़े.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com