प्रकाशित: सितम्बर 28, 2018 09:00 PM IST | अवधि: 31:39
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सुप्रीम कोर्ट से आ रहे बेंच के फैसलों में असहमति के स्वर को कब इतनी प्रमुखता मिली थी. फैसला बेंच की बहुमत का ही माना जाएगा मगर असहमति ज़ाहिर करने वाले जजों की टिप्पणियां भी उस फैसले के समानांतर खड़ी हो गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को असमहति के इन तर्कों के ज़रिए देखने का यह अच्छा मौका है. जस्टिस डी वाई चंदचूड़ ने आधार और भीमा कोरेगांव में असहमति की टिप्पणी लिखते हुए जो बातें कही हैं वो कानून के जानकारों को लंबे समय तक बेचैन करती रहेंगी. जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने अयोध्या मामले में तीन जजों की बेंच में असहमति की टिप्पणी दर्ज की. जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने सबरीमला मंदिर मामले में असहमति की टिप्पणी दर्ज की है.