अन्ना हजारे के आह्वान का ऐसा असर दिखा कि सुबह उन्हें हिरासत में लेने वाली दिल्ली पुलिस को जनता के भारी दबाव के आगे झुकते हुए महज 12 घंटों के भीतर उनकी रिहाई के आदेश जारी करने पड़े।
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