प्रकाशित: नवम्बर 11, 2016 09:00 PM IST | अवधि: 42:24
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नदियों की सफाई के नारे, अभियान, अदालती आदेश सुनते सुनते इस दिल्ली में न जाने कितने साल गुजर गए. मगर कुछ नहीं हुआ और अब लगता है कि कुछ होगा भी नहीं. यमुना अब नदी नहीं जहर है. आज की पीढ़ी झाग को ही शायद लहर समझ ले.