प्रकाशित: जनवरी 06, 2019 09:51 PM IST | अवधि: 5:03
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NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजेंस के तहत असम के जो लोग नागरिकता सूची से बाहर रखे गए थे, उनमें कुछ काफ़ी परेशान हैं. परेशानी का सबब आपत्ति दाख़िल करने की समय सीमा का बीत जाना है. अलग-अलग वजहों से बड़ी तादाद में लोग नागरिकता के लिए दावेदारी नहीं कर सके. प्रधानमंत्री भरोसा जगाता बयान भले दें लेकिन उन 6 लाख लोगों का क्या जिनके नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के ख़ाके में शामिल नहीं थे और जो उसके बाद अपनी नागरिकता के दावे नहीं पेश कर पाए?