प्रकाशित: फ़रवरी 25, 2017 08:00 PM IST | अवधि: 34:12
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मुकाबला में आज का विषय है चुनावी भाषा. हमारे नेता आजकल चुनाव प्रचार के दौरान जो जुबान बोल रहे हैं, वो कई बार न टीवी पर दिखाया जा सकता है और न ही अखबारों में लिखा जा सकता है, लेकिन इसके वाबजूद टीवी पर लाइव के दौरान जब आप उसे सुनते हैं, तो आपको क्या लगता, क्या हमारे नेता द्वारा जो शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है वह सही है या गलत है? या आपको ऐसा लगता है कि इससे भाषा थोड़ी बेहतर हो सकती थी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनावी माहौल में ऐसी भाषाएं जरूरी है?