मुस्लिम पर्सनल लॉ के सवाल पर सालों से बहस चली आ रही है। इस बात को भी लगभग 30 साल गुजर गए हैं जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि एक यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए। यानी वो कानून जो सबके लिए बराबर हो, ताकि मुस्लिम महिलाओं को तलाक का भूत न डराए और फिर कोई शाह बानो या सायरा बानो पैदा न हो।