झुग्गी बचाने से ज्यादा फिक्र बसाने की होती तो मासूम की जान ना जाती
प्रकाशित: दिसम्बर 14, 2015 11:28 PM IST | अवधि: 2:51
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जो तथ्य सामने आए हैं, उससे ये भी पता चलता है कि सबको पता था कि शकूर बस्ती की झुग्गियां कभी भी उजड़ सकती थीं। लेकिन कोशिश यहां के लोगों को कहीं और बसाने की नहीं हुई, सिर्फ झुग्गियां ही बचाने की होती रही।