प्राइम टाइम इंट्रो : नए पीएम के साथ सांप्रदायिक हिंसा में वृद्धि हुई है?
प्रकाशित: अगस्त 13, 2014 09:00 PM IST | अवधि: 6:19
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ऐसा क्यों होता है कि सांप्रदायिकता पर होने वाली बहसें तर्कबुद्धि की काबिलियत का प्रदर्शन बन कर रह जाती है। इस बहस में लोग एक दूसरे से जीतने का प्रयास करने लगते हैं। बहस में तो कोई न कोई जीत जाता है मगर सांप्रदायिकता से ये विजेता हार जाते हैं। सबके पास कारण है। सबके पास नाम हैं। किसी के पास समाधान नहीं है। समाधान का साहस नहीं है।