देश में काम कर रही कुछ एनजीओ विकास के रास्ते में रोड़ा अटका रही हैं। इस सिलसिले में आईबी की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में कुछ गांधीवादी संस्थाओं के भी नाम आने से विवाद बढ़ गया है। इन गांधीवादी संस्थाओं का कहना है कि गांव के लिए काम करने को विकास विरोधी नहीं माना जाना चाहिए।