ग्वालियर का राजपरिवार भले ही अलग−अलग दलों में बंटा रहा हो, लेकिन एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार कभी नहीं किया। इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इतिहास बदलने जा रहा है।
Advertisement