भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की हुई बैठक विफल हो गई और हजारे ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा की।
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