राजघाट पर समर्थकों की भारी भीड़ से घिरे अन्ना हजारे को लगभग दौड़ते हुए आगे बढ़ना पड़ा। यह एक दिलचस्प दृश्य था, जो अन्ना के जोश और जज्बे को बयां कर रहा था।
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