असम में तमाम जगहों पर जंगलों में लगे पेड़ों को काटकर या कटवाकर माफियों ने खूब पैसे बटोरे। पर्यावरण का क्षरण हो गया लेकिन सरकार अभी भी अपने किताबी बयानों से बाहर आने को तैयार नहीं है।
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