NDTV Khabar

रवीश कुमार का प्राइम टाइम: मेडिकल छात्र क्यों कर रहे हैं इच्छा मृत्यु की मांग?

 Share

हरियाणा के झज्जर में वर्ल्ड कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस है. यहां पर एडमिशन राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा नीट पास करने के बाद ही होता है. नीट की रैकिंग से कॉलेज दिया जाता है. जब छात्र ऐसे कालेज पहुंचता है तब पता चलता है कि हकीकत क्या है. उसके साथ किस तरह की धोखाधड़ी होती है और कैसे उससे लाखों की फीस वसूली जाती है. इनका कहना है कि पहले साल तो अच्छी पढ़ाई हुई, रिज़ल्ट भी अच्छा हुआ लेकिन कॉलेज की कमियां भी सामने आने लगीं. एडमिशन लेने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच टीम पहुंचती है और पाती है कि कालेज में शर्तों और नियमों का पालन नहीं हो रहा है. मेडिकल काउंसिल आदेश जारी करती है कि इस कालेज में 2017-18 और 2018-19 के लिए एडमिशन नहीं होगा. मामला अदालत से लेकर मेडिकल काउंसिल के बीच घूम रहा है. छात्रों का कहना है कि इस कारण 2016 में एडमिशन लेने वालों का भविष्य खतरे में है. बोर्ड आफ गर्वनेंस ने तीसरे साल को मंज़ूरी नहीं दी है. तीसरे साल की पढ़ाई बंद हो गई है, इनकी मांग है कि इन्हें दूसरे कालेज में भेजा जाए. क्या नॉन रेज़िडेंट इंडियन बता सकते हैं कि अमरीका के फ्लोरिडा या अटलांटा के कॉलेजों में भी ऐसा होता है. आप सोचिए इन छात्रों पर इस वक्त क्या गुज़र रही होगी. दो साल की मेडिकल पढ़ाई के बाद पढ़ाई बंद है. इसलिए ये गृहमंत्री के पास आए हैं कायदे से स्वास्थ्य मंत्री को खुद इनके पास जाना चाहिए था ताकि छात्रों का जीवन बर्बाद न हो. सुशील महापात्रा इनके प्रदर्शन को कवर करने गए थे.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com