प्रकाशित: नवम्बर 17, 2017 09:12 AM IST | अवधि: 3:22
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आंध्रप्रदेश में किसानों की बढ़ती खुदकुशी बस आंकड़ा बनकर रहती जा रही है. इनके परिवारों को कोई देखने वाला नहीं है, कोई सुनने वाला नहीं है. यहां के किसानों के परिवार जीने के जद्दोजहद में तबाह होते जा रहे है. खेती इन किसानों के लिए अभिशाप हो गई है और सरकारी वादे बस छलावा होकर रह गए हैं.