प्रकाशित: अगस्त 24, 2019 01:28 PM IST | अवधि: 5:55
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अरुण जेटली का आज 66 साल की उम्र में निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार थे और एम्स में भर्ती थे. अरुण जेटली के लिए राजनीतिक हलकों में अनौपचारिक तौर पर माना जाता था कि वह 'पढ़े लिखे विद्वान मंत्री' हैं. पिछले तीन दशक से अधिक समय तक अपनी तमाम तरह की काबिलियत के चलते जेटली लगभग हमेशा सत्ता तंत्र के पसंदीदा लोगों में रहे, सरकार चाहे जिसकी भी रही हो. अति शिष्ट, विनम्र और राजनीतिक तौर पर उत्कृष्ट रणनीतिकार रहे जेटली भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुख्य संकटमोचक थे जिनकी चार दशक की शानदार राजनीतिक पारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते समय से पहले समाप्त हो गई. खराब सेहत के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार बनी सरकार से खुद को बाहर रखने वाले 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को यहां एम्स में निधन हो गया. सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद उन्हें यहां भर्ती कराया गया था. सर्वसम्मति बनाने में महारत प्राप्त जेटली को कुछ लोग मोदी का ऑरिजनल 'चाणक्य' भी मानते थे. जानें कैसा था उनका संपूर्ण जीवन.