मुंबई में कोरोना का सबसे ज्यादा असर है. इस बीच मानसून के आने के कारण यहां पर जो परेशानियां हैं वो बढ़ सकती हैं. आमतौर पर नाले की सफाई मई के महीने तक पूरी हो जानी चाहिए लेकिन कई जगहों पर नाले की सफाई पूरी तरह से नहीं हो पाई है. इस साल कोरोना के चलते मलेरिया की दवाई का छिड़काव भी नालों के आस-पास के इलाकों में नहीं हो पाया है. यूं तो बीएमसी सफाई कराने का दावा करती है लेकिन जमीनी पर स्थिति कुछ और ही है.