प्रकाशित: अगस्त 17, 2018 10:00 PM IST | अवधि: 15:43
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एक उदार और अच्छी समझ वाले नेता के तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी की छवि कुछ ऐसी हो चुकी है कि लोग भूल जाते हैं कि उनकी राजनीतिक दीक्षा दरअसल आरएसएस में ही हुई थी. बीजेरी सांसद तरुण विजय ने कहा कि शुरुआत में वो आरएसएस प्रचारक थे. उन्होंने कानपुर से परास्नातक की डिग्री ली और उसी दौर में आरएसएस के भाऊराव देवरस के वो क़रीब आए. तब देवरस जी सह कार्यवाह और पूज्य गुरुजी सरसंघ चालक थे. अटल जी ने आरएसएस प्रचारक के तौर पर काम करने का निर्णय लिया.