
प्रतीकात्मक फोटो
कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति भारत के बैंकिंग क्षेत्र के मसलों, चुनौतियों और आगे की कार्य योजना पर रिपोर्ट तैयार कर रही है जिसमें बैंकों/ वित्तीय संस्थानों में एनपीए, परिसंत्तियां/दबाव वाली परिसंत्तियां शामिल होंगी.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, संसदीय समिति के समक्ष 26 जून को जिन बैंकों को प्रतिपादन का ब्योरा प्रस्तुत करना है और समिति के सदस्यों के सवालों के जवाब देने हैं, उनमें इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक, आईडीबीआई बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूनाइटेड बैंक शामिल हैं.
भारतीय बैंकिंग प्रणाली में एनपीए की राशि बढ़कर नौ लाख करोड़ रुपये हो गई है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खराब कर्ज की रकम 7.5 लाख करोड़ रुपये है.
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी द्वारा 13,000 करोड़ रुपये की चपत लगाए जाने का मामला उजागर होने के बाद बैंकिंग प्रणाली को फरवरी में गहरा धक्का लगा. फर्जीवाड़े में शामिल दोनों आरोपी फरार हैं. शिवसेना के मुताबिक, नीरव और मेहुल भाजपा को हर चुनाव में भारी भरकम चंदा दिया करते थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)