प्रकाशित: अक्टूबर 04, 2014 04:30 PM IST | अवधि: 17:57
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पानी है तो जीवन है। वो चाहे मैदान हो या पहाड़। लद्दाख जैसा सर्द और शुष्क रेगिस्तान भी इसका अपवाद नहीं। यहां पानी की जब सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है तब वो सबसे कम उपलब्ध होता है। ये समय होता है फ़सलों की बुवाई का। लद्दाख के किसानों की इस दिक्कत का हल निकाला है इसी इलाके में पले बढ़े दो इंजीनियरों ने। ग्लेशियर मैन चेवांग नॉर्फेल और सोनम वांगचुक। नॉर्फ़ेल ने जो शुरुआत की उसे एक नए मुकाम पर पहुंचा रहे हैं वांगचुक। आख़िर क्या ख़ास कर रही हैं ये दो हस्तियां लद्दाख के लिए जानिए इस ख़ास डॉक्यूमेंटरी में।