प्राइम टाइम : शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले...
प्रकाशित: सितम्बर 20, 2016 09:00 PM IST | अवधि: 37:04
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एक नौजवान जब सैनिक बनता है तो अकेला बनता है लेकिन जब वो देश के लिए काम आ जाता है तो उसकी अंतिम यात्रा में वो लोग भी आ गए लगते हैं जो कभी उस सिपाही के बारे में जानते तक नहीं होंगे. हम कहां परवाह करते हैं कि हमारा सिपाही जनरल बोगी या दूसरे दर्जे में ठेल ठेल कर जगह पाता हुआ घर लौटता है. कितना अच्छे हैं न ये लोग जो अपने घर से निकले हैं किसी सिपाही को विदा करने, अलविदा कहने.