एफएम चैनल पर कबीर सुनने को मिल जाए और दिल्ली में डीटीसी दिख जाए, तो भरोसा हो जाता है कि कुछ पुराना अब भी कायम है। फर्क यही है कि मेट्रो में आप यात्री कहलाते हैं और डीटीसी में सवारी...
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