नरेंद्र मोदी ने चुनावी लड़ाई को गुजरात के विकास बनाम दिल्ली के विकास में बदल दिया है। वह गुजरात को बीच-बीच में झाँसी बना देते हैं तो खुद को गुजरात की तिजोरी का चौकीदार।
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