प्रकाशित: अप्रैल 20, 2016 10:39 PM IST | अवधि: 2:35
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बुंदेलखंड प्यासा है। पिछले 2 साल से ज़रूरत की चौथाई बारिश भी नहीं हुई है। लिहाज़ा नदियां, तालाब, कुएं सब सूख चुके हैं। इंसान और मवेशी दोनों प्यासे हैं। सरकार इमरजेंसी में टैंकर भेजने के साथ ही आगे के लिए कुछ योजनाएं बना रही है, लेकिन जब तक मानसून नहीं आ जाता है, शायद हालात बहुत नहीं सुधरेंगे।