प्रकाशित: जुलाई 17, 2017 09:00 PM IST | अवधि: 8:13
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स्वर्ण सिंह, दीपू, अनिल और बलविंदर ये न तो विधायकों के नाम हैं और न ही सांसदों के. न ही ये लोग दल-बदल कर सरकार बनाने का प्रयास कर रहे थे. बहुतों के लिहाज़ से बड़ा काम नहीं कर रहे थे, मेरे लिहाज़ से अगर ये अपना काम नहीं करते तो सीवेज का गंदा पानी हमारे आपके घरों में भर आता. ये चारों लोग 14 जुलाई के दिन दिल्ली के घिटोरनी में एक सेप्टिक टैंक की सफाई करते वक्त मारे गए. टैंक में बनने वाली ज़हरीले गैस से इनका दम घुट गया.ऐसे वक्त में जब केंद्र सरकार का सबसे बड़ा अभियान स्वच्छता का है, यह कैसे हो सकता है कि देशभर में सीवेज की सफाई करते वक्त देशभर से आने वाली सफाईकर्मियों की मौत को लेकर कोई हलचल नहीं है.