प्रकाशित: दिसम्बर 06, 2016 07:54 PM IST | अवधि: 3:19
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जयललिता के जाने के साथ भारतीय राजनीति का एक क्षत्रप कम हो गया है. गठजोड़ की राजनीति के इस दौर में अचानक समीकरण उलट-पुलट रहे हैं. हालांकि अपने राजनीतिक जीवन में जयललिता हमेशा अपनी शर्तों के साथ राजनीतिक रिश्ते तय करती रहीं.