प्रकाशित: मार्च 24, 2015 11:31 PM IST | अवधि: 1:48
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सरकारी दफ्तर में अपना काम करवाना किसी जंग से कम नहीं। म्यूटेशन जैसे कामों के लिए भी लोगों को 25 साल इंतेज़ार करना पड़ता है, जब लोग दफ्तरों का चक्कर काट कर थक जाते हैं तो फिर रास्ता सिर्फ अदालत का बचता है।