प्रकाशित: नवम्बर 17, 2012 09:48 PM IST | अवधि: 19:37
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महाराष्ट्र में एक वक्त में जबर्दस्त आत्मविश्वास का प्रतीक बने थे बाल ठाकरे। एक समाज को विश्वास हो गया कि उन्हें विपरीत हालातों से उबारने की ताकत ठाकरे के भाषणों में है। ठाकरे के भाषण हमेशा नए नहीं होते थे, लेकिन जिस अंदाज में वह बात कहते वह अंदाज−ए−बयां हर बार बिल्कुल नया लगता।