उनकी फ़सल बरबाद हुई। सबने वादा किया कि मुआवज़ा मिलेगा और फौरन मिलेगा। लेकिन जो मिल रहा है, वो मुआवज़ा है या मज़ाक, ये किसान समझ नहीं पा रहे।
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