जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक का सफर, समय के साथ कैसे आया बीजेपी में बदलाव
प्रकाशित: सितम्बर 26, 2016 09:32 PM IST | अवधि: 9:26
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इस दीपक में तेल नहीं, सरकार बनाना खेल नहीं. जनसंघ के चुनाव चिन्ह के बारे में लगा ये नारा उसके नए रूप बीजेपी का 1984 तक पीछा करता रहा, जब उसे महज़ दो सीटें मिली. अपने बूते सरकार बनाने वाली पार्टी के लिए अब ये बीती बात है. पुराने कार्यकर्ताओं को दीनदयाल उपाध्याय की यादें अब भी ताज़ा हैं. दीनदयाल से नरेंद्र मोदी, अमित शाह तक के पार्टी के सफर पर भी उनका अपना नजरिया है.