प्राइम टाइम इंट्रो : बेरोजगारी हमें परेशान क्यों नहीं कर रही?
प्रकाशित: अक्टूबर 19, 2016 09:00 PM IST | अवधि: 9:16
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क्या जिस तादाद में सांप्रदायिक तनाव की संख्या बढ़ रही है, नौकरियां भी बढ़ रही हैं. क्या नौकरी का सवाल बिल्कुल ज़रूरी नहीं है. दिल्ली स्थित एक संस्था है प्रहार जिसकी अध्ययन की रिपोर्ट समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से तमाम अख़बारों में प्रकाशित हुई, इसके मुताबिक पिछले चार साल से हर दिन 550 नौकरियां गायब होती चली जा रही हैं.