प्राइम टाइम इंट्रो : क्या सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामान्य बात हो गई हैं?
प्रकाशित: अक्टूबर 18, 2016 09:00 PM IST | अवधि: 8:47
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सांप्रदायिक हिंसा को हम एक तय फ्रेम में देखने लगे हैं. नतीजा यह होता है कि हम नई घटना को भी पहले हो चुकी घटना समझकर अनदेखा कर देते हैं, क्योंकि ऐसी हर घटना में बहस के जितने भी पहलू हैं, वो लगभग फिक्स हो चुके हैं. कौन सा सवाल होगा, कौन सा जवाब होगा, कौन सा पक्ष होगा, इसलिए भी आप या हम सांप्रदायिक हिंसा की ख़बरों को लेकर सामान्य होने लगे हैं. हमें पता भी नहीं चलता है कि धीरे-धीरे इन सामान्य सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की संख्या सैकड़ों से अब हज़ारों में होने लगी है.