गुजरात में दलित आंदोलन का असर, गायों के शव दफनाने वाला कोई नहीं
प्रकाशित: अगस्त 14, 2016 09:08 AM IST | अवधि: 3:41
Share
गुजरात के अमरेली से 100 किलोमीटर दूर धोकड़वा गांव से कुछ आगे बढ़ते ही सड़ते हुए जानवरों की गंध महसूस होती है, जो आगे बढ़ने के साथ और तेज़ होती जाती है. यहां से ऊना की ओर जाने वाली सड़क पर जगह-जगह मरी हुई गायें दिखती हैं.